चित्र - गूगल से साभार
तेरे चेहरे पर अपने जिन्दगी की कहानी लिख दूँ,
ऐ अजनवी तेरे आँखों में अपनी निशानी लिख दूँ.
तेरे हाथों की इन लकिरों में मैं शामिल हूँ या नहीं,
लड़कर लकिरों में हालात-ऐ-इश्क दिवानी लिख दूँ,
झुका मत पलकें इस कदर ये ठीक नहीं सितमगर,
मुरीद तेरे छूवन की अपनी आत्मा रुहानी लिख दूँ,
बादलों पर भी लिखे बारिश के अपने ही लफ़्ज थे,
बरसने की बेसबब मुसल्लम मेहरबानी तो लिख दूँ,
ख्वाब भी मेरे बन्जारें थे जिन्हे दर-दर भट्कन थी,
तेरे बेवजह नजर उठाने में सपने में जवानी लिख दूँ,
देख कर मंजर अक्सर सम्भल ही जाते होगे दिवाने,
बदल दिये कायदे मोहब्बत के वो दास्ताँ पुरानी लिख दूँ,
असमंजस में डाल देती है मुझे तेरी खामोशी अक्सर,
जिनकी वजह से अपनी रुकती साँसे रुहानी लिख दूँ,
दस्तक भी पुछते है तेरा कहा है आज कल ठिकाना,
बोल अपनी नजर में कदर की कथा सुहानी लिख दूँ,
किस दिल में छूपा है आजकल तेरा घर ये तो बता,
उस दिल पर भी गीत गज़ल नगमों के सितारे लिख दूँ॥
तेरे चेहरे पर अपने जिन्दगी की कहानी लिख दूँ,
ऐ अजनवी तेरे आँखों में अपनी निशानी लिख दूँ.
तेरे हाथों की इन लकिरों में मैं शामिल हूँ या नहीं,
लड़कर लकिरों में हालात-ऐ-इश्क दिवानी लिख दूँ,
झुका मत पलकें इस कदर ये ठीक नहीं सितमगर,
मुरीद तेरे छूवन की अपनी आत्मा रुहानी लिख दूँ,
बादलों पर भी लिखे बारिश के अपने ही लफ़्ज थे,
बरसने की बेसबब मुसल्लम मेहरबानी तो लिख दूँ,
ख्वाब भी मेरे बन्जारें थे जिन्हे दर-दर भट्कन थी,
तेरे बेवजह नजर उठाने में सपने में जवानी लिख दूँ,
देख कर मंजर अक्सर सम्भल ही जाते होगे दिवाने,
बदल दिये कायदे मोहब्बत के वो दास्ताँ पुरानी लिख दूँ,
असमंजस में डाल देती है मुझे तेरी खामोशी अक्सर,
जिनकी वजह से अपनी रुकती साँसे रुहानी लिख दूँ,
दस्तक भी पुछते है तेरा कहा है आज कल ठिकाना,
बोल अपनी नजर में कदर की कथा सुहानी लिख दूँ,
किस दिल में छूपा है आजकल तेरा घर ये तो बता,
उस दिल पर भी गीत गज़ल नगमों के सितारे लिख दूँ॥
3 comments:
Bahut badhya....keep it up
Bahut badhya....keep it up
आपका आभार व्यक्त करता हूँ।
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