आज कल नींद नहीं आती

                                                              चित्र- गूगल से साभार

आज - कल हमें थोड़ी भी नींद नहीं आती,
सच ये है कि याद भी किसी की नहीं आती,

दोस्तों क्या बताऊ मुझे दोस्ती नहीं आती,
सच यह भी है कि हमें दुश्मनी नहीं आती,

जो चुम ले आपके होठों को हर बार,
हमको तो ऐसी शायरी भी नहीं आती,

मालूम है चाहत की जिन्दगी नहीं मिलती,
ये सच है कि चाहत कि मौत भी नहीं आती,

इस जहाँ में तो अपनी-अपनी हिमाकते ठहरी,
ये सच है आज हमको खुद पर हँसी नहीं आती, 

दिल लगाने कि तो कभी मैं सोचता भी नहीं,
क्युकि "अतुल" को दिल्लगी नहीं आती॥

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