लबों पर जुबान को ऐसे

                                                                 चित्र - गूगल से साभार

लबों पर जुबान को ऐसे न फिराओ,
बुझी प्यास फिर से तरसने लगेगी।

शरारत से पलकें ना उठाओ प्रिये,
फिर से धड़कन मचलने लगेगी।

पारदर्शी दुपट्टे से चेहरा ना छुपाओ,
नहीं तो जवाँ हसरतें तड़पने लगेगी।

मिला हुश्न है तो थोड़ा तरस खाओ,
नहीं तो मोहब्बत भी भटकने लगेगी।

ऐसे अपनी जुल्फों को मत लहराओ,
नहीं तो फिर प्यार बगियाँ महकने लगेगी।

अब तिरछी नजर से कयामत ना ढाओ,
वरना फिर से तबियत बिगड़ने लगेगी॥

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