लोग वादों इरादों की बात करते है

                                                          चित्र - गूगल से साभार

लोग वादों इरादों की बात करते है,
फिर क्युँ वो पल भर में मुकरते है,
जो लड़ जाते मुस्किलों से रणबाकुरें,
उन्ही के सितारें नभ में चमकते है,
जो अभिमान से चल दिये जमाने में,
अन्ततः वो  कर्मपथ पर बिखरते है,
जो डरते नहीं कयामत के कयामत से,
अब वो ही अलग इतिहास लिखते है,
कुछ लोगों ने छोड़ रखी है अपनी यादें,
आज उनके हौसलों के सच अखरते है,
जिससे सीखा था चलना सम्भल कर,
आज हम उनकी ही यादों में मरते हैं,
सुना है टूट जाते है  दिल परिन्दों के,
जब जब उनके हौसलें बिखरते है,
अक्सर किसान ही मायुस होता है,
जब बिन मौसम बादल बरसते है,
चार दिन की ही मिली है जिन्दगी,
फिर क्युँ ये लोग इतना सँवरते है,
"अतुल" रख अपने अतुल्य हौसलें,
चल अब कुछ फिर अलग करते है॥