माँ की याद

माँ तेरी यादों ने एक बार फिर रुला दिया,
रो रहा था मैं ना जाने कब सुला दिया।
जब जगा तो मन हवा सा हल्का लगा,
आँसुओ ने आज सब दुःख दर्द धुला दिया।
माँ तेरी यादों ने एक बार फिर रुला दिया,
रो रहा था मैं ना जाने कब सुला दिया।
जिन्दगी की आपा धापी में उलझ गयी जिन्दगी,
यह ना सोचना कभी तेरा बेटा तुझे भुला दिया।
माँ तेरी यादों ने एक बार फिर रुला दिया,
रो रहा था मैं ना जाने कब सुला दिया।
जब भी जुबा पर नाम आया तेरा तो,
मुँह में मिठाई का स्वाद घुला दिया।
माँ तेरी यादों ने एक बार फिर रुला दिया,
रो रहा था मैं ना जाने कब सुला दिया।
जब भी जिन्दगी में उलझ कर हिम्मत खत्म हुयी,
तब तुने कभी टूटा हुआ मुझे लगने ना दिया।
माँ तेरी यादों ने एक बार फिर रुला दिया,
रो रहा था मैं ना जाने कब सुला दिया।
बचपन में थामी थी मेरी अँगुलियाँ इस कदर,
आज भी जमाने के असर मे बहकने ना दिया।
माँ तेरी यादों ने एक बार फिर रुला दिया,
रो रहा था मैं ना जाने कब सुला दिया।
जब मैं तेरे सामने आया कभी थका हुआ,
तब तुने अपनी थपकियों से सुला कर आराम दिया।
माँ तेरी यादों ने एक बार फिर रुला दिया,
रो रहा था मैं ना जाने कब सुला दिया।
जिन्दगी आज भी लगती है अधुरी तेरे बिना,
दूर हूँ तुमसे आज लेकिन कभी लगने ना दिया।
माँ तेरी यादों ने एक बार फिर रुला दिया,
रो रहा था मैं ना जाने कब सुला दिया।

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