तात मात आज आप : घनाक्षरी

शब्द शब्द की पुकार एक रात एक बात,
तात मात आज आप चाँद को सँवार दो।

आज गीत गात जात पात पात घाट घाट,
गाँव ठाँव हाव भाव नाव को सँवार दो।

एक एक एक बात आस पास चार धाम,
रीत प्रीत जीत मीत भ्रात को सँवार दो।

देश प्रेम डाल डाल आह वाह चाह राह,
मौन गीत फूँक प्राण गीत को सँवार दो॥
                      ©अतुल कुमार यादव "अतुल्य"

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