हो गया गिरफ़्तार इस कदर प्यार में,
दिन-रात गुजरते मेरे अब इन्तजार में।
न रहा होश मुझको इस कदर मदहोश हूँ,
डूब गया हूँ मै तो अब इश्क के खुमार में।
तेरे प्यार का असर है इस कदर कुछ और,
अपनी सुध-बुध खोया हूँ अब इस बहार में।
बेगाना हुआ तुमसे दिल इस कदर लगाकर,
दिवाना कहते जा रहे लोग भरी बाजार में।
हार गया अपना सब कुछ तुम पर "अतुल",
हो न जाये पागल अब इस कदर तकरार में।
दिन-रात गुजरते मेरे अब इन्तजार में।
न रहा होश मुझको इस कदर मदहोश हूँ,
डूब गया हूँ मै तो अब इश्क के खुमार में।
तेरे प्यार का असर है इस कदर कुछ और,
अपनी सुध-बुध खोया हूँ अब इस बहार में।
बेगाना हुआ तुमसे दिल इस कदर लगाकर,
दिवाना कहते जा रहे लोग भरी बाजार में।
हार गया अपना सब कुछ तुम पर "अतुल",
हो न जाये पागल अब इस कदर तकरार में।