तू जो कहती है

तू जो कहती है ये तेरे दिल के हालात नहीं है,
भरोसा मुझ पर रख या खुदा पर कोई बात नहीं है।

हद तो हो गयी है अब तेरे मेरे तकरार की,
इतना मासुम हो तेरा दिल ये तेरी औकात नहीं है।

ऐ दोस्त, ये जिन्दगी कभी सुझाओं पर नहीं चलती,
हकीकत चाहिये इसको ये तेरे बदलते जज्बात नहीं है।

ये प्यार का ही असर है तू स्वीकार कर या ना कर,
ये तेरा निखरता चेहरा किसी रब की सौगात नहीं है।

तू भींग जायेगी कमसीन अदाओं की शहजादी,
हुयी है चाहतों की बारिश ये अश्कों की बरसात नहीं है॥