कभी आन बान मान, कभी सम्मान लिख देना।

कभी आन बान मान, कभी सम्मान लिख देना।
रहे हाथ में तिरंगा, रहे हाथ में तिरंगा,
रहे हाथ में तिरंगा, जय हिन्दूस्तान लिख देना।

जिनके दम पर हिन्दूस्तान खड़ा है,
जिनसे देश का स्वाभिमान बढ़ा है,
ऐसे आजाद सपूतो को सलाम लिख देना।
रहे हाथ में तिरंगा, रहे हाथ में तिरंगा,
रहे हाथ में तिरंगा, जय हिन्दूस्तान लिख देना।

जिनसे देश का मान बढ़ा है,
गर्व से तिरंगा आसमाँ चढ़ा है,
देश के ऐसे रणबाकुरों को सलाम लिख देना।
रहे हाथ में तिरंगा, रहे हाथ में तिरंगा,
रहे हाथ में तिरंगा, जय हिन्दूस्तान लिख देना।

जिनसे आज आजाद फिजा है,
जिनसे इन्कलाब़ जिन्दाबाद गुँजा है,
खुन से नहाने वाले नाहरों को सलाम लिख देना।
रहे हाथ में तिरंगा, रहे हाथ में तिरंगा,
रहे हाथ में तिरंगा, जय हिन्दूस्तान लिख देना।

मुर्दों में कौम का एहसास जगा है,
फिर से यौवन में भगत आजाद हुआ है,
तब सूरज के प्रदिप्त अंगारों का जयगान लिख देना।
रहे हाथ में तिरंगा, रहे हाथ में तिरंगा,
रहे हाथ में तिरंगा, जय हिन्दूस्तान लिख देना।

आज रंगोलियों में उनका नाम लिख देना,
दिल में बसने वालों का जयगान लिख देना,
ऐसे मरकर जीने वालों को सलाम लिख देना,
रहे हाथ में तिरंगा, रहे हाथ में तिरंगा,
रहे हाथ में तिरंगा, जय हिन्दूस्तान लिख देना।

कभी आन बान मान, कभी सम्मान लिख देना,
सवा सौ करोड़ हिन्द्वासियों को सलाम लिख देना,
रहे हाथ में तिरंगा, रहे हाथ में तिरंगा,
रहे हाथ में तिरंगा, जय हिन्दूस्तान लिख देना,
रहे हाथ में तिरंगा, जय हिन्दूस्तान लिख देना।
                              ©अतुल कुमार यादव "अतुल्य"