नयन पुकारे

नयन पुकारे सुन लो प्यारे,
माता की आँखों के तारे।
सपने अपने कर लो पूरे,
जीवन हम तुम पर क्यूँ वारे।

जीने का अन्दाज यही है,
मुश्किल तो ये आज सही है।
संघर्षों से भरी है राहें,
तुम राहों के बनो सहारे।

हम हँसते हैं रोते हैं गाते,
फिर भी जीवन जीते जाते,
बच्चों सा हम जिद करते है,
आना लेकर मधुर फुहारे।

खोना मत आभास कभी तुम,
खोना मत विश्वास कभी तुम,
शैल चीर के सुमन खिलेंगे
छोटे-मोटे होते न्यारे न्यारे।

लोग मिलेगें इसी सदी में,
जीवन की इस प्रेम नदी में।
कवि-कविता तो हैं सम्बन्धी,
कुछ में जीते कुछ में हारे।

नयन पुकारे सुन लो प्यारे,
तुम राहों के बनो सहारे।
अपने सपने कर लो पूरे,
यही चाहते है हम सारे।।
          ©अतुल कुमार यादव

No comments: