कुछ दोहे

जरा सम्भल कदम बढ़ै, काम बने आसान।
माता शिशु को देति है, अच्छा अच्छा ज्ञान॥1

रे अच्छी शिक्षा लीजिए, अच्छा लीजै मान।
अच्छे अच्छो से करो, बस अपनी पहचान॥2

न करौ कोई काम तुम, नहीं रहै जब ज्ञान।
ज्यादा धन अज्ञान का, कर देता नुकशान॥3

न रहै कोई ज्ञान तो, करौ अथक प्रयास।
जब तक अपने पास में, ना आयै सब ज्ञान॥4

बढ़ बढ़ कर जब दुख मिलै, होवे किस पर नाज।
दुख सिमटै अब सुख मिलै, कर ऐसा कुछ काज॥5

जीवन जीवन रटत है, चल बताऊँ इक राज।
जीवन निधि बेमोल है, सुख दुख का सब साज॥6

नफरत न मन राखीये, करिये तनिक विचार।
प्रेम भाव सद्भाव ही, जीवन का है सार॥7
                                ©अतुल कुमार यादव "अतुल्य"